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Appendix Surgery Explained in Hindi
अपेन्डिक्स लगभग चार-पांच इंच लंबी एक बंद और पतली नली होती है। यह वहां स्थित होती है, जहां छोटी आंत और बड़ी आंत मिलती हैं। सामान्यतया यह पेट के दाएं भाग में नीचे की ओर होती है। अपेन्डिक्स की वैसे हमारे लिए कोई उपयोगिता नहीं है। अपेन्डिक्स का संक्रमण घातक हो सकता है, इसलिए इसे सर्जरी कर निकाल दिया जाता है।
अपेन्डिक्स का दर्द बारिश के मौसम में और अधिक बढ़ जाता है, इसलिए इस मौसम में सावधानी और जरूरी हो जाती है।
अपेंडेक्टॉमी: भयावह दर्द वाली एक आम बीमारी का ऑपरेशन
चलिए जाने थोड़ा सा और अपेंडिक्स के बारे में
हम इंडियंस खाने पीने के बहुत शौकीन होते हैं और बहुत बार बाहर का खाना खाने से पहले एक बार भी नहीं सोचते। पर क्या आपको पता है गलत खान पान की आदतों की वजह से हमारे पेट में दर्द, एसिडिटी और पेट की अनेक छोटी मोटी समस्याएं हो सकती हैं। अक्सर एसिडिटी और पेट दर्द जैसी समस्याओं को हम नजरंदाज कर देते हैं परन्तु यदि आप लगातार पेट और पीठ दर्द से पीड़ित हैं तो इसे हल्के में न लें, यह अपेंडिक्स का दर्द भी हो सकता है। Appendix Meaning in Hindi – अपेंडिक्स आँत का ही एक टुकड़ा होता है जो सामन्यतः छोटी आँत और बड़ी आँत के बीच में होता है, यह लगभग चार इंच लंबी एक पतली ट्यूब होती है जो पेट में दायीं ओर नीचे की तरफ होती है। जब व्यक्ति को लम्बे समय तक एसिडिटी, कब्ज या पेट में इन्फेक्शन की समस्या रहती है तो इस आंत में सूजन आ जाती है जो अपेंडिक्सके दर्द का कारण बनती है इसलिए आवश्यक है कि इसके लक्षणों (Appendix Ke Lakshan Hindi Mai) और कारणों के बारे में पता हो ताकि समय से इसका इलाज (Appendix Ka Ilaj) करा सकें। आइये जानते हैं अपेंडिक्स का मतलब क्या होता है, और इसके इलाज के लिए ऑपरेशन (appendix operation in hindi) आवश्यक हैं या नहीं?
अपेंडिक्स का मतलब हिंदी में – Appendix Meaning in Hindi
Appendix Meaning in Hindi: अपेंडिक्स 4 इंच लंबी ट्यूब के समान होता है। यह मनुष्य की बड़ी आंत के पहले भाग से जुड़ा हुआ होता है। वैसे तो अपेंडिक्स का कार्य अज्ञात है परन्तु एक सिद्धांत के अनुसार अपेंडिक्स अच्छे बैक्टीरिया के लिए भंडारगृह के रूप में कार्य करता है, जो डायरिया जैसी बीमारियों के बाद पाचन तंत्र को “रिबूट या पुनः सुचारु रूप से चलने में मदद” करता है। अन्य विशेषज्ञों का मानना है कि अपेंडिक्स हमारे शरीर का एक बेकार अवशेष है जो किसी योग्य नहीं होता।और यदि अपेंडिक्स को सर्जिकल तरीके से हटा दिया जाये तो इससे किसी तरह की कोई स्वास्थ्य समस्याएं नहीं होती हैं।
अपेंडिक्स कंडीशन
- एपेंडिसाइटिस: एपेंडिसाइटिस, अपेंडिक्स में सूजन, इन्फेक्शन या टूट फुट के कारण (Appendix Ke Karan) होता है, जिसमे जी मिचलाना, और उल्टी के साथ पेट के दाहिने निचले हिस्से में तेज दर्द होता है। पुरुषों में एपेंडिसाइटिस का जोखिम लगभग 8.6 प्रतिशत होता है वहीं यदि आप एक महिला हैं तो आपको एपेंडिसाइटिस का जोखिम लगभग 6.7 प्रतिशत होगा।
- अपेंडिक्स का ट्यूमर: कार्सिनॉइड ट्यूमर उन रसायनों का स्राव करते हैं जो आवधिक निस्तब्धता, घरघराहट और दस्त का कारण बनते हैं। अपेंडिक्स में एपिथेलियल ट्यूमर की ग्रोथ होती है जो कैंसर हो सकता है। अपेंडिक्स ट्यूमर बहुत ही दुर्लभ हैं।
अपेंडिक्स के लक्षण – Appendix Ke Lakshan Hindi Mai
अपेंडिसाइटिस आमतौर पर एक जीवाणु संक्रमण या बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण (Appendix Ke Karan) होता है।इन्फेक्शन आपके पेट में शुरू हो सकता है और अपेंडिक्स में फ़ैल सकता है।
एपेंडिसाइटिस के लक्षण (Appendix Ke Lakshan Hindi Mai) अलग-अलग तरह के हो सकते हैं। इनमे निम्न शामिल हैं:
- पेट के निचले दाहिने हिस्से में दर्द
- उल्टी
- बुखार
- जी मिचलाना
- नाभि के आस पास दर्द
- कम भूख लगना
अपेंडिक्स के लिए टेस्ट – Appendix Ke Test
यदि आपको लगता है कि आपको एपेंडिसाइटिस है तो तुरंत अपने डॉक्टर के पास जायें। डॉक्टर आपकी स्थिति का निदान करने के लिए, आपसे आपके लक्षणों (Appendix Ke Lakshan) के बारे में पूछेंगे और एक फिजिकल टेस्ट करेंगे, इसके अलावा आपका डॉक्टर निम्न टेस्ट करने का भी आदेश दे सकते हैं –
- चिकित्सा परीक्षा और मेडिकल टेस्ट: यह एपेंडिसाइटिस के लिए मैन परीक्षण होता है, यह पेट का एक सरल टेस्ट होता है जो एपेंडिसाइटिस का निदान करने का महत्वपूर्ण तरीका है। पेट की परीक्षा में परिवर्तन डॉक्टरों को यह बताने में मदद करता है कि क्या एपेंडिसाइटिस प्रगति कर रहा है या नहीं।
- सीटी स्कैन (कंप्यूटेड टोमोग्राफी): इसमें सीटी स्कैनर एक्स-रे और एक कंप्यूटर की सहायता से अपेंडिक्स का विस्तृत चित्र बनाता है। एपेंडिसाइटिस में, सीटी स्कैन सूजन वाले परिशिष्ट को दिखा सकता है, और चाहे वह टूट गया हो।
- अल्ट्रासाउंड: अल्ट्रासाउंड एपेंडिसाइटिस के संकेतों का पता लगाने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है, जैसे कि सुजा हुआ अपेंडिक्स।
- कम्पलीट ब्लड काउंट (सीबीसी): सफेद रक्त कोशिकाओं की बढ़ी हुई संख्या – इन्फेक्शन और अपेंडिक्स में सूजन का संकेत – अक्सर रक्त परीक्षण के दौरान एपेंडिसाइटिस पर देखा जाता है।
- अन्य इमेजिंग टेस्ट: जब अपेंडिक्स में दुर्लभ ट्यूमर का संदेह होता है, तो इमेजिंग टेस्ट इसका पता लगा सकती है। इनमें एमआरआई, पॉज़िट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी (पीईटी) , और सीटी स्कैन शामिल हैं ।
अपेंडिक्स का इलाज – Appendix Ka Ilaj
अपेंडिसाइटिस का निदान होने पर आपको इस सर्जरी की आवश्यकता होती है। इस स्थिति में आपका अपेंडिक्स पीड़ादायक, सूजा हुआ और संक्रमित हो जाता है। आगरा आपको अपेंडिसाइटिस है तो, अपेंडिक्स के फटने का गंभीर जोखिम रहता है और ये लक्षण दिखने के 48 से 72 घंटों में हो सकता है। इस स्थिति में आपके पेट में पेरिटोनाइटिस नामक एक गंभीर जानलेवा संक्रमण हो सकता है।
अपेंडिसाइटिस के लक्षण पाए जाने पर तुरंत अपने चिकत्सक को बताएं और मेडिकल सहायता प्राप्त करें:
- नाभी के पास अचानक दर्द शुरू होना जो पेट के दाहिने निचले हिस्से तक हो
- पेट में सूजन
- पेट की मांसपेशियों में अनम्यता (Rigid Abdominal Muscles)
- दस्त
- मतली (Nausea)
- उलटी
- भूख कम लगना
- लो-ग्रेड बुखार (Low Grade Fever- 98.6° F से ज़्यादा लेकिन 100.4° F से कम)
हालांकि अपेंडिसाइटिस का दर्द पेट के दाहिने निचले भाग में होता है लेकिन क्योंकि गर्भावस्था में अपेंडिक्स ऊपर हो जाता है इसलिए गर्भवती महिलाओं में इस स्थिति में दर्द पेट के दाहिने ऊपरी भाग में होता है।
अपेंडिक्स का ऑपरेशन कैसे होता है? - Appendectomy kaise hota hai?
अपेंडिक्स को हटाने की सर्जरी को करने के दो तरीके हैं:
- ओपन अपेन्डेक्टमी (Open Appendectomy) - यह इस सर्जरी को करने का मानक तरीका है
- लैप्रोस्कोपिक अपेन्डेक्टमी (Laparoscopic Appendectomy) - यह कम काटकर या चीरकर की जाने वाली प्रक्रिया है
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के दौरान, सर्जन ओपन सर्जरी करने का निर्णय ले सकते हैं। अगर मरीज़ का अपेंडिक्स फट गया है, तो ऐसे में ओपन सर्जरी की ज़रुरत होती है।
ओपन अपेन्डेक्टमी (Open Appendectomy)
- पेट के निचले भाग में दांयी तरफ एक चीरा काटा जायेगा, जिसकी लम्बाई दो से चार इंच तक होगी।
- पेट की मांसपेशियों को हटाया जायेगा और फिर सर्जिकल धागों से बांधकर अपेंडिक्स को निकाला जायेगा।
- अगर रोगी का अपेंडिक्स फट गया है तो आपके उदर को सेलाइन से धोया जायेगा।
- फिर पेट की लाइनिंग और मांसपेशियों को सिला जायेगा और घाव को पट्टियों से ढका जायेगा। चीरे के अंदर द्रव निकालने के लिए एक छोटी ट्यूब लगाई जा सकती है।
लैप्रोस्कोपिक अपेन्डेक्टमी (Laparoscopic Appendectomy)
- इस प्रक्रिया में ओपन सर्जरी की तुलना में छोटे चीरे किये जाते हैं। हालांकि चीरों की संख्या ज़्यादा होती है। इस प्रक्रिया में एक से तीन तक चीरे काटे जा सकते हैं।
- एक चीरे से लैप्रोस्कोप (Laparascope), एक लम्बी पतली ट्यूब, डाला जाता है जिससे एक छोटा वीडियो कैमरा और अन्य सर्जिकल उपकरण जुड़े होते हैं। कैमरा की मदद से सर्जन को पेट के अंदरूनी हिस्सों को देखने और उपकरणों का प्रयोग करने में मदद मिलेगी।
- पेट में कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide) डालकर पेट को फुलाया जाता है ताकि अंदरूनी हिस्से आसानी से देखे जा सकें।
- अपेंडिक्स को सर्जिकल धागों से बाँध कर बाहर निकाला जाएगा।
- सर्जरी के समाप्त होने पर लैप्रोस्कोप और अन्य उपकरणों को निकला जायेगा और कार्बन डाइऑक्साइड को चीरों से बहार निकलने दिया जायेगा। द्रव निकालने के लिए चीरे के अंदर एक ट्यूब लगायी जा सकती है।
- अंत में चीरे को सिल दिया जायेगा और घाव को पट्टियों से ढक दिया जायेगा।
अपेंडिक्स का ऑपरेशन होने के बाद देखभाल - Appendectomy hone ke baad dekhbhal
अस्पताल में देखभाल (Hospital Care)
- सर्जरी के बाद मरीज़ को रिकवरी रूम में ले जाया जायेगा। चिकत्सकों और नर्सों द्वारा मरीज़ की ह्रदय गति, श्वास, रक्त चाप, नब्ज आदि की जांच की जाएगी और स्थिति नियंत्रण में आते ही मरीज़ को अस्पताल के कमरे में शिफ्ट किया जायेगा।
- लैप्रोस्कोपिक सर्जरी आउट-पेशेंट (Out Patient; जिसमें मरीज़ को सर्जरी के बाद अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती) आधार पर भी की जा सकती है।
- रिकवरी में कितना समय लगेगा यह इस पर निर्भर करता है की सर्जरी किस प्रक्रिया से की गयी है और प्रक्रिया के दौरान एनेस्थीसिया का कौनसा प्रकार दिया गया था।
- सर्जरी के अंत में चीरे के अंदर लगायी गयी ट्यूब को तब निकाला जायेगा जब आँतों की कार्यवाही सामान्य हो जाएगी। जब तक उस ट्यूब को निकाल नहीं दिया जाता तब तक मरीज़ कुछ खा या पी नहीं पाएंगे।
- आपको आपकी स्थिति के अनुसार दर्द निवारक दवाएं दी जा सकती हैं।
घर में देखभाल (Recovery At Home)
- जब आपको अस्पताल से छुट्टी मिल जाये तो ध्यान रखें कि आप घाव को साफ़ और सूखा रखते हैं। आपको किस प्रकार नहाना है इसके निर्देश डॉक्टर द्वारा दिए जायेंगे। डॉक्टर द्वारा कुछ समय में टाँके खोल दिए जायेंगे।
- घर आने के बाद भी नियमित रूप से डॉक्टर से चेक-अप करवाते रहें।
- ज़्यादा देर तक खड़े रहने पर चीरे की जगह और पेट की मांसपेशियों में दर्द हो सकता है। डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाओं का नियमित रूप से सेवन करें।
- अगर आपका उपचार लैप्रोस्कोपिक प्रक्रिया से हुआ है तो आपको यह लग सकता है कि कार्बन डाइऑक्साइड अभी भी आपके पेट में है। यह समस्या कुछ दिनों में ठीक हो जाएगी।
- सर्जरी के बाद हर वक़्त बिस्तर पर न रहकर, इधर उधर टहलना रोगी के लिए अच्छा होगा। लेकिन थकाने वाले कार्य न करें। डॉक्टर से पूछें कि आप कबसे काम पर वापिस जा सकते हैं।
Why to choose Sudha Hospital & Medical Research Centre for Appendix Surgery in Kota?
We feel proud to say that Sudha Hospital & Medical research Centre is the first choice of patients for the Appendix Surgery in Kota. We are providing world class treatment and patient care services at our hospital. Sudha Hospital & Medical Research Centre is the oldest multi-speciality hospital of Kota. Now we are going to tell you why to choose us for Appendix surgery in Kota.
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Appendix Surgeons at Sudha Hospital & Medical Research Centre